ललकार Admin आजादी शायरी इन हिंदी, Rubaai << ये दौर हमारा अक़ीदा >> आज़ादी-ए-आलम के परस्तार हैं हम अहरार जिन्हें कहिए वो अहरार हैं हम नापाक लुटेरो ये तुम्हें याद रहे जाँ-बाज़ हैं बेबाक हैं जर्रार हैं हम Share on: