महबूब ने पैरहन में जब इत्र मला By Rubaai << हर साँस में गुलज़ार से खि... ता हद्द-ए-नज़र दमक रहे है... >> महबूब ने पैरहन में जब इत्र मला और पान चबा के अपने घर से वो चला हम ने ये कहा न जाओ बाहर ऐ जाँ है शाम क़रीब हँस दिया कह के भला Share on: