मरदूद-ए-ख़लाइक़ हूँ गुनहगार हूँ मैं Admin Rubaai << या-रब मिरे दिल को कर अता ... मैं नफ़्स-परस्ती से सदा ख... >> मरदूद-ए-ख़लाइक़ हूँ गुनहगार हूँ मैं पामाल-ए-जहाँ हूँ कि सज़ा-वार हूँ मैं अंजाम जो ख़ाक है अगर जीते-जी मिल जाऊँ न ख़ाक में तो बेकार हूँ मैं Share on: