नक़्क़ाश से मुमकिन है कि हो नक़्श ख़िलाफ़ Admin पाकिस्तान के खिलाफ शायरी, Rubaai << पानी में है आग का लगाना द... मक़्सूद है क़ैद-ए-जुस्तुज... >> नक़्क़ाश से मुमकिन है कि हो नक़्श ख़िलाफ़ हैं नक़्श में जल्वा-गर उसी के औसाफ़ हर शय में अयाँ है आफ़्ताब-ए-वहदत गर वहम-ए-दुई न हो तो है मतला साफ़ Share on: