नालों से कभी नाम न लूँगा ऐ दोस्त By Rubaai << ता हद्द-ए-नज़र दमक रहे है... रफ़्तार ओ सदा गुम्बद-ए-अफ... >> नालों से कभी नाम न लूँगा ऐ दोस्त रुस्वाई का इल्ज़ाम न लूँगा ऐ दोस्त बद-नाम न होगी कभी ख़ल्वत तेरी महफ़िल में तिरा नाम न लूँगा ऐ दोस्त Share on: