राज़-ए-हस्ती बशर को हो क्या मा'लूम Admin Rubaai << रंगीनी-बज़्म-ओ-बू किस की ... क़तरा समझे हक़ीक़त-ए-दरिय... >> राज़-ए-हस्ती बशर को हो क्या मालूम सरगर्दां अक़्ल है नतीजा मालूम बा-वस्फ़ हज़ार इल्म उस को अपना आगा मा'लूम है न पीछा मा'लूम Share on: