ताक़त वो है बा-असर जो सुल्तानी है Admin सुल्तान मिर्जा शायरी, Rubaai << उल्फ़त न हो शैख़ की तो इज... सुनता नहीं कुछ किसी से बढ... >> ताक़त वो है बा-असर जो सुल्तानी है उस जा है चमक जहाँ ज़र-अफ़्शानी है ता'लीम वो ख़ूब है जो सिखलाए हुनर अच्छी है वो तर्बियत जो रूहानी है Share on: