तेज़ी नहीं मिनजुमला-ए-औसाफ़-ए-कमाल Admin Rubaai << था रंग-ए-बहार बे-नवाई कि ... तौहीद की राह में है वीरान... >> तेज़ी नहीं मिनजुमला-ए-औसाफ़-ए-कमाल कुछ ऐब नहीं अगर चलो धीमी चाल ख़रगोश से ले गया है कछवा बाज़ी हाँ राह-ए-तलब में शर्त है इस्तिक़्लाल Share on: