उड़ता हुआ बादल कहीं हाथ आया है By Rubaai << यादों की मैं बारात लिए आय... ख़्वाबों के तिलिस्मात से ... >> उड़ता हुआ बादल कहीं हाथ आया हे छूटा हुआ आँचल कहीं हाथ आया हे बिखरी हुइ ख़ुश-बू कभी सिमटी है कहीं गुज़रा हुआ इक पल कहीं हाथ आया है Share on: