वल्लाह ये ज़िंदगी भी है क़ाबिल-ए-दीद Admin Rubaai << यूसुफ़ को उस अंजुमन में क... रोना है बदा जिन्हें वो जम... >> वल्लाह ये ज़िंदगी भी है क़ाबिल-ए-दीद इक तुर्फ़ा तिलिस्म-ए-दीद जिस की न शुनीद मंज़िल की धुन में झूमता जाता हूँ पीछे तो अजल है आगे आगे उम्मीद Share on: