वही रंजिशें वही हसरतें Admin हसरत जयपुरी की शायरी, Sad << आँखों के परदे भी नम हो गए... क्यों हिज्र के शिकवे करता... >> वही रंजिशें वही हसरतें,न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुईहै अजीब सी मेरी ज़िन्दगी,न गुज़र सकी न खत्म हुई।This is a great हसरतें शायरी. Share on: