आग भी बरसी दरख़्तों पर वहीं By Sher << जलाए रक्खूँ-गी सुब्ह तक म... हर बज़्म क्यूँ नुमाइश-ए-ज... >> आग भी बरसी दरख़्तों पर वहीं काल बस्ती में जहाँ पानी का था Share on: