आहन ओ संग को ज़हराब-ए-फ़ना चाट गया By Sher << हसरतें आ आ के जम्अ हो रही... बन सँवर कर रहा करो 'ह... >> आहन ओ संग को ज़हराब-ए-फ़ना चाट गया पहले दीवार शिकस्ता हुई फिर बाब गिरा Share on: