आज भी शाम-ए-ग़म! उदास न हो By Sher << आज शहरों में हैं जितने ख़... आँख खुलते ही जबीं चूमने आ... >> आज भी शाम-ए-ग़म! उदास न हो माँग कर मैं चराग़ लाता हूँ Share on: