आँखें कहीं दिमाग़ कहीं दस्त ओ पा कहीं By Sher << हम हवा से बचा रहे थे जिन्... फ़ज़ा में गूँज रही हैं कह... >> आँखें कहीं दिमाग़ कहीं दस्त ओ पा कहीं रस्तों की भीड़-भाड़ में दुनिया बिखर गई Share on: