आँखों में एक बार उभरने की देर थी By Sher << माज़ी के रेग-ज़ार पे रखना... ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इ... >> आँखों में एक बार उभरने की देर थी फिर आँसुओं ने आप ही रस्ते बना लिए Share on: