ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इश्क़ By इश्क़, Sher << आँखों में एक बार उभरने की... हर बात है 'ख़ालिद'... >> ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इश्क़ पर हक़ीक़त में जाँ-फ़ज़ाँ है इश्क़ Share on: