आता हूँ मैं ज़माने की आँखों में रात दिन By Sher << 'फ़ितरत' दिल-ए-कौ... ख़ूँ शहीदान-ए-वतन का रंग ... >> आता हूँ मैं ज़माने की आँखों में रात दिन लेकिन ख़ुद अपनी नज़रों से अब तक निहाँ हूँ मैं Share on: