आठों पहर लहू में नहाया करे कोई By Sher << अपनी मर्ज़ी तो ये है बंदा... इसी लिए तो है ज़िंदाँ को ... >> आठों पहर लहू में नहाया करे कोई यूँ भी न अपने दर्द को दरिया करे कोई Share on: