अब अपना इंतिज़ार रहेगा तमाम-उम्र By Sher << दर्द की सारी तहें और सारे... ये रात ऐसी हवाएँ कहाँ से ... >> अब अपना इंतिज़ार रहेगा तमाम-उम्र इक शख़्स था जो मुझ से जुदा कर गया मुझे Share on: