ऐसे डरे हुए हैं ज़माने की चाल से By वहशत, Sher << आवाज़ की दीवार भी चुप-चाप... धूप के साए में चुप साधे ह... >> ऐसे डरे हुए हैं ज़माने की चाल से घर में भी पाँव रखते हैं हम तो सँभाल कर Share on: