धूप के साए में चुप साधे हुए By अम्न, Sher << ऐसे डरे हुए हैं ज़माने की... याद कर के और भी तकलीफ़ हो... >> धूप के साए में चुप साधे हुए कर रहे हो अम्न का एलान क्या Share on: