हर एक लम्हा सरों पे है सानेहा ऐसा By Sher << हवस का रंग चढ़ा उस पे और ... है लफ़्ज़-ओ-मा'नी का ... >> हर एक लम्हा सरों पे है सानेहा ऐसा हर एक साँस गुज़रती है हादसात ऐसी Share on: