अश्क-ए-हसरत है आज तूफ़ाँ-ख़ेज़ By Sher << बहुत दिनों से हूँ आमद का ... आतिशीं हुस्न क्यूँ दिखाते... >> अश्क-ए-हसरत है आज तूफ़ाँ-ख़ेज़ कश्ती-ए-चश्म की तबाही है Share on: