चल 'क़ैसी' मेले में चल क्या रोना तन्हाई का By Sher << फ़रेब-ख़ुर्दा है इतना कि ... जज़्बे की कड़ी धूप हो तो ... >> चल 'क़ैसी' मेले में चल क्या रोना तन्हाई का कोई नहीं जब तेरा मेरा सब मेरे सब तेरे Share on: