बंद कलियों की अदा कहती है By Sher << दिन-रात पड़ा रहता हूँ दरव... मिरा ख़ून-ए-जिगर पुर-नूर ... >> बंद कलियों की अदा कहती है बात करने के हैं सौ पैराए Share on: