बज़्म-ए-अग़्यार में उस ने मुझे दरयाफ़्त किया By Sher << पए दरयाफ़्त असरार-ए-हक़ीक... यज़ीद-ए-वक़्त की नींदें ह... >> बज़्म-ए-अग़्यार में उस ने मुझे दरयाफ़्त किया बा'द मुद्दत के उसे याद मिरी आई है Share on: