बेहतर है अब दूर रहो तुम टेसू के इन फूलों से By Sher << आख़िर इक रोज़ तो पैवंद-ए-... फ़ुसून-ए-शेर से हम उस मह-ए... >> बेहतर है अब दूर रहो तुम टेसू के इन फूलों से शोख़ बहुत है इन की सुर्ख़ी आईना दिखलाए तो Share on: