भला हुआ कि न हाथ आया जामा-ए-पुर-ज़र By Sher << शहज़ादी के कानों में जो ब... ख़ुश्क रुत में इस जगह हम ... >> भला हुआ कि न हाथ आया जामा-ए-पुर-ज़र गज़ी के कपड़े बदलते तो हम बदल जाते Share on: