चमक शायद अभी गीती के ज़र्रों की नहीं देखी By Sher << जिस के वास्ते बरसों सई-ए-... तुम्हें ऐ काश कोई राज़ ये... >> चमक शायद अभी गीती के ज़र्रों की नहीं देखी सितारे मुस्कुराते क्यूँ हैं ज़ेब-ए-आसमाँ हो कर Share on: