दर्द के मौसम का क्या होगा असर अंजान पर By Sher << फ़सील-ए-जिस्म पे ताज़ा लह... भीगी हुई इक शाम की दहलीज़... >> दर्द के मौसम का क्या होगा असर अंजान पर दोस्तो पानी कभी रुकता नहीं ढलवान पर Share on: