धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है By Sher << आसमाँ अहल-ए-ज़मीं से क्या... दिल को फिर दर्द से आबाद क... >> धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है न पूरे शहर पर छाए तो कहना Share on: