दिल की जागीर में मेरा भी कोई हिस्सा रख By Sher << मैं इक मज़दूर हूँ रोटी की... मैं तो बस ये चाहता हूँ वस... >> दिल की जागीर में मेरा भी कोई हिस्सा रख मैं भी तेरा हूँ मुझे भी तो कहीं रहना है Share on: