दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ By Sher << जब तक कि हैं ज़माने में ह... देते नहीं सुझाई जो दुनिया... >> दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ कोई रहता है इस मकाँ में अभी Share on: