दीवार-ओ-दर पे ख़ून के छींटे हैं जा-ब-जा By Sher << हज़ारों साल की थी आग मुझ ... मैं ने इक शहर हमेशा के लि... >> दीवार-ओ-दर पे ख़ून के छींटे हैं जा-ब-जा बिखरा हुआ है रंग-ए-हिना तेरे शहर में Share on: