ऐ दिल की ख़लिश गर यूँही सही चलता तो हूँ उन की महफ़िल में By Sher << एक साहिर कभी गुज़रा था इध... तवज्जोह चारा-गर की बाइस-ए... >> ऐ दिल की ख़लिश चल यूँही सही चलता तो हूँ उन की महफ़िल में उस वक़्त मुझे चौंका देना जब रंग पे महफ़िल आ जाए o heartache, come,i do agree, to go and join her company there rouse me from my reverie, when it befits the atmosphere Share on: