ऐ शैख़ वो बसीत हक़ीक़त है कुफ़्र की By Sher << ख़ुद अपने आप से लर्ज़ां र... दर्द ज़ंजीर की सूरत है दि... >> ऐ शैख़ वो बसीत हक़ीक़त है कुफ़्र की कुछ क़ैद-ए-रस्म ने जिसे ईमाँ बना दिया Share on: