एक दिल है कि नहीं दर्द से दम भर ख़ाली By Sher << रेख़्ता के क़स्र की बुनिय... बाज़ार से गुज़रे है वो बे... >> एक दिल है कि नहीं दर्द से दम भर ख़ाली वर्ना क्या क्या नज़र आए न भरे घर ख़ाली Share on: