एक सीता की रिफ़ाक़त है तो सब कुछ पास है By Sher << गुमशुदगी ही अस्ल में यारो... इक हुस्न-ए-तसव्वुर है जो ... >> एक सीता की रिफ़ाक़त है तो सब कुछ पास है ज़िंदगी कहते हैं जिस को राम का बन-बास है Share on: