फ़ज़ा में हाथ तो उट्ठे थे एक साथ कई By Sher << रोता है कोई किसी के ग़म म... हिनाई हाथ से आँचल सँभाले >> फ़ज़ा में हाथ तो उट्ठे थे एक साथ कई किसी के वास्ते कोई दुआ न करता था Share on: