फ़लक पर उड़ते जाते बादलों को देखता हूँ मैं By अब्र, फ़लक, बारिश, हवा, Sher << ऐ 'रसा' जैसा है ब... न आबशार न सहरा लगा सके क़... >> फ़लक पर उड़ते जाते बादलों को देखता हूँ मैं हवा कहती है मुझ से ये तमाशा कैसा लगता है Share on: