ग़म ओ नशात की हर रहगुज़र में तन्हा हूँ By Sher << हवा गुम-सुम खड़ी है रास्त... मिरी शाइ'री में छुप क... >> ग़म ओ नशात की हर रहगुज़र में तन्हा हूँ मुझे ख़बर है मैं अपने सफ़र में तन्हा हूँ Share on: