गो हरम के रास्ते से वो पहुँच गए ख़ुदा तक By Sher << जिसे इशरत-कदा-ए-दहर समझता... अभी तो मैं ने फ़क़त बारिश... >> गो हरम के रास्ते से वो पहुँच गए ख़ुदा तक तिरी रहगुज़र से जाते तो कुछ और बात होती Share on: