हैं राख राख मगर आज तक नहीं बिखरे By Sher << हिसार-ए-ज़ात से कट कर तो ... धूप छूती है बदन को जब ... >> हैं राख राख मगर आज तक नहीं बिखरे कहो हवा से हमारी मिसाल ले आए Share on: