ज़ुल्म तो बे-ज़बान है लेकिन By Sher << हज़ार बार ज़माना इधर से ग... गो सफ़ेदी मू की यूँ रौशन ... >> ज़ुल्म तो बे-ज़बान है लेकिन ज़ख़्म को तू ज़बान कब देगा Share on: