हँसी में कटती थीं रातें ख़ुशी में दिन गुज़रता था By Sher << हर कूचे में अरमानों का ख़... हम गिरफ़्तारों को अब क्या... >> हँसी में कटती थीं रातें ख़ुशी में दिन गुज़रता था 'कँवल' माज़ी का अफ़्साना न तुम भूले न हम भूले Share on: