हम कहाँ और तुम कहाँ जानाँ By Sher << कहाँ तक वक़्त के दरिया को... छोड़ा न रश्क ने कि तिरे घ... >> हम कहाँ और तुम कहाँ जानाँ हैं कई हिज्र दरमियाँ जानाँ Share on: