हमारे दौर में दिल भी है छोटा By Sher << यूँ गुज़रते हैं हिज्र के ... रमज़ाँ में तू न जा रू-ब-र... >> हमारे दौर में दिल भी है छोटा बड़ा है कुछ तो बस इबरत बड़ी है Share on: