हर कूचे में अरमानों का ख़ून हुआ By Sher << वाबस्ता मेरी याद से कुछ त... हँसी में कटती थीं रातें ख... >> हर कूचे में अरमानों का ख़ून हुआ शहर के जितने रस्ते हैं सब ख़ूनीं हैं Share on: