हर शख़्स को फ़रेब-ए-नज़र ने किया शिकार By Sher << तिरे ख़िलाफ़ किया जब भी ए... जिस्म के अंदर जो सूरज तप ... >> हर शख़्स को फ़रेब-ए-नज़र ने किया शिकार हर शख़्स गुम है गुम्बद-ए-जाँ के हिसार में Share on: